اڃان بہ قائم

Directed by Mirko Pincelli

Still Standing

Children,
of the same earth
of the same land
of the same river

फिल्म

“स्टिल स्टैंडिंग” सिंध के लोगों की ज़िन्दगी और उनकी सभ्यता को दर्शाने वाली पहली दस्तावेज़ी फिल्म है। इसका निर्देशन कई पुरस्कार जीत चुके फ़िल्मकार मिरको पिचेल्ली ने किया है, और यह फिल्म हॉन्ग कोंग-लंदन-रोम स्थित पिंच मीडिया फ़िल्म कंपनी ने किया है। 
तीन साल लम्बे सफ़र के बाद, स्टिल स्टैंडिंग आप तक लेके आयी है सात देशों में फैले सिंधी समुदाय की कहानी
सिंधु घाटी सभ्यता का घर, सिंध इंसानी सभ्यता के विकास की ज़मीनों में से एक है यहाँ  ईसा पूर्व ३००० से ५००० की आधुनिक बस्तियों के अवशेष पाये गये हैं। 

आज सिंध पाकिस्तान का इकलौता क्षेत्र है जो 1947 के विभाजन के बाद टूटा नहीं, जिस विभाजन में 20 लाख लोगों ने जान गंवाई और 150 लाख लोग विस्थापित हुए। उसी दौरान प्रवासी सिंधी समुदाय की शुरुआत हुई, जब कई सिंधी हिन्दू पाकिस्तान छोड़ के हिन्दोस्तान और दूसरे देशों को चले गये। हिन्दोस्तान से मुसलमान पाकिस्तान को पलायन करने लगे, जिनमें से काफ़ी सारे सिंध में आ बसे।


अचानक सिंधी समुदाय लोगों ने पाया कि वो अब अल्पसंख्यक समाज हो चुके हैं, जहाँ उनकी सभ्यता और भाषा की जगह उर्दू बोलने वाले समाज और ब्रिटिश समाज के अवशेशों  ने ले ली थी। 


स्टिल स्टैंडिंग उनके निशानों की खोज करती है जो यहाँ से चले गये। और ऐसे लोगों की कहानियाँ आप तक लाती है जो आज भी हिम्मत से रह रहे हैं एक ऐसे समाज में जो आज़ाद सोच वालों, एक्टिविस्ट्स, सेकुलरिज़्म और इस अनूठी सभ्यता का विरोधी होता जा रहा है 


इन कहानियों के ज़रिये स्टिल स्टैंडिंग राष्ट्रीयता, कट्टरता और सजीली सभ्यता और धर्मों वाली इस जमीन के विभाजन की दास्तान बयान करती है।


ये फ़िल्म उन लोगों के बारे में है जो इन सबके बावजूद आज भी डट कर ज़िन्दगी जी रहे हैं।